ऑनलाइन कोर्ट फी जमा लेने की व्यवस्था का जिला जज ने किया शुभारंभ
जिला जज सहजानंद शर्मा ने यहाँ बुधवार को इ-कोर्ट फी सिस्टम का शुरुआत किया. अब यहाँ न्यायालय में लगने वाले कोर्ट फी का ऑनलाइन भुगतान किया जा सकेगा.
इसके पहले कोर्ट में लोगो को फ्रेंक्लिंग मशीन के माध्यम से भुगतान किया जाता था. अब लोगो को यह हाई टेक सुविधा मिलेगी. जिला जज ने इस प्रणाली का विधिवत शुरुआत किया. इस अवसर पर एडीजे गयासुद्दीन, न्यायिक दंडाधिकारी राधेश्याम, मुंसिफ जिगर शाह आदि भी मौजूद थे. इस अवसर पर जानकरी दी गयी कि लोगो को अब यह ऑनलाइन भुगतान के बाद इ- कोर्ट फी की प्रप्ति रसीद दी जाएगी. एक सौ रुपया से उपर के कोर्ट फी भुगतान पर लोगो का नाम अंकित रहेगा. जबकि दो लाख के ऊपर के कोर्ट फी के लिए पैन को अनिवार्य कर दिया गया है.
इस प्रणाली से ली गयी इ- कोर्ट फी का प्रयोग लोग अगले एक माह तक कर सकते हैं. बताया गया कि कोर्ट भी के इस नए प्रणाली के भुगतान के लिए न्यायालय परिसर में एक काउंटर खोला गया है. वहा राशि जमा करने के बाद उन्हें अपने चाहत के अनुसार राशि की रसीद प्राप्त हो जाएगी.
न्यायालय के लिए शुरू इस प्रणाली का विस्तार आने वाले दिनों में दूसरे स्थान जैसे भूमि निबंधन आदि में भी किया जायेगा. जिला जज ने उद्धाटन अवसर पर कम्पुटर का माउस क्लिक कर लोगो को इ- कोर्ट फी का पावती रसीद भी दिया.
अभी इस सेवा का भार एक निजी संस्था को दिया गया है. इस सेवा के प्रयोग से यह दावा किया जा रहा है कि इससे सरकार के राजश्व में वृद्धि होगी. कोर्ट सहित अन्य स्थान पर नकली कोर्ट फी का चलन पूरी तरह बंद हो जाने का दावा भी किया जा रहा है.
इसके पहले कोर्ट में लोगो को फ्रेंक्लिंग मशीन के माध्यम से भुगतान किया जाता था. अब लोगो को यह हाई टेक सुविधा मिलेगी. जिला जज ने इस प्रणाली का विधिवत शुरुआत किया. इस अवसर पर एडीजे गयासुद्दीन, न्यायिक दंडाधिकारी राधेश्याम, मुंसिफ जिगर शाह आदि भी मौजूद थे. इस अवसर पर जानकरी दी गयी कि लोगो को अब यह ऑनलाइन भुगतान के बाद इ- कोर्ट फी की प्रप्ति रसीद दी जाएगी. एक सौ रुपया से उपर के कोर्ट फी भुगतान पर लोगो का नाम अंकित रहेगा. जबकि दो लाख के ऊपर के कोर्ट फी के लिए पैन को अनिवार्य कर दिया गया है.
इस प्रणाली से ली गयी इ- कोर्ट फी का प्रयोग लोग अगले एक माह तक कर सकते हैं. बताया गया कि कोर्ट भी के इस नए प्रणाली के भुगतान के लिए न्यायालय परिसर में एक काउंटर खोला गया है. वहा राशि जमा करने के बाद उन्हें अपने चाहत के अनुसार राशि की रसीद प्राप्त हो जाएगी.
न्यायालय के लिए शुरू इस प्रणाली का विस्तार आने वाले दिनों में दूसरे स्थान जैसे भूमि निबंधन आदि में भी किया जायेगा. जिला जज ने उद्धाटन अवसर पर कम्पुटर का माउस क्लिक कर लोगो को इ- कोर्ट फी का पावती रसीद भी दिया.
अभी इस सेवा का भार एक निजी संस्था को दिया गया है. इस सेवा के प्रयोग से यह दावा किया जा रहा है कि इससे सरकार के राजश्व में वृद्धि होगी. कोर्ट सहित अन्य स्थान पर नकली कोर्ट फी का चलन पूरी तरह बंद हो जाने का दावा भी किया जा रहा है.
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